हिन्दी साप्ताह
पर एक स्वरचित रचना: -
हिन्दुस्तान हे
देश ह्मारा हिन्दी हमारी भाषा है|
हमे गर्व अपनी
भाषा पर हिन्दी ही अपनाएगे||
बिन प्रयास फल
प्राप्त नही होता|
स्कूल मे बालक
पास नही होता||
ठेले वाला एक पाई
नही पाता|
मिल मलिक भी
तालाबंदी ही पाता||
प्रारंभिक कठिनाइयों
से हम नही डरेंगे नही डरेंगे ||
हिन्दी मे ही काम
करेंगे हिन्दी मे ही काम करेंगे||
ठाकोर जोशी
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