हिंदी सप्ताह के दरमियान की एक स्व-रचित कविता: -
इंग्लीश बनाम अँग्रेज़ी बतोरे फेसन
जब हम नोर्मल होते है बड़े मूड में होते है|
हाय हेल्लो गुड मोर्निंग टाटा बाय बाय ये सब कहते हैं||
जब तनिक सा मलेरिया ज्वर आकर हमे सताता है|
हम खटिया पर पड़ जाते हैं और करवटे बदलते रहते हैं||
यार दोस्त जब पूछने आते बीमारी में हाल हमारा|
तब हम कहते हाय मेरी मैया टूट रहा है बदन मेरे भैया||
तो ए मेरे संजीदा दोस्तों ये क्या ड्रामा तुम करते हो|
अंग्रेजी में हँसते हो और हिंदी में तुम रोते हो||
वर्ना ये तो ढकोसले बाज़ी है पक्की ढकोसले बाज़ी है||
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