Saturday, December 24, 2016

निबंध वेशभूषा एवम व्यक्तित्व की प्रस्तुती


निबंध वेशभूषा एवम व्यक्तित्व की प्रस्तुती
वेशभूषा का व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वाभाव एवम कार्य कुशलता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है| हम जिन वस्त्रों में कार्यालय में जाते हैं उन्हें घर में सोते वक़्त बदल देते हैं| यदिं उन्ही घरेलु वस्त्रों में हम कार्यालय में जाए तो हम ठीक से कार्य नहीं कर पाएंगे क्योंकि हमारा मन (मूड) ही नहीं बनेगा| तथा जो  ग्राहक या अधिकारीगण  हमसे कार्यालय में मिलने आएंगे उनपर भी हमारा दुष्प्रभवावः पड़ेगा और हमे व्यपार धंधे में नुक्सान होगा| इसी कारण से पुलिस और आर्मी तथा वायु सेना, समुद्री सेना इत्यादि में यूनिफार्म आवश्यक होती है| यहांतक की स्कूलों में भी यूनिफार्म आवश्यक होती है| यूनिफार्म या उपयुक्त वेशभूषा एक अनुशाशन एवम एक अनुशाषित व्यक्ति का प्रतीक है|
पुराने समय के बनिस्पत आज कल अधिकांश लोग अपने पहनावे और व्यक्तित्व को अत्यधिक महत्त्व देने लगे हैं| इसका मूल कारण ये है कि Globalization और कम्प्यूटराइजेशन के कारण हर क्षेत्र में कार्य अत्यधिक गतिमान होगया है| दूसरे हर व्यापार / धंधे में भी प्रतियोगिता इतनी बढ़ गयी है जिसकी कि कोई सीमा ही नहीं है| नए युग के इस वातावरण में गुजारा कर पाने के लिए ये अत्यंत आवश्यक है कि हम अपने आप को कितना प्रभावशाली रूप से प्रकट कर पाते हैं|
पहली मुलाकात में व्यक्ति जो प्रभाव डाल पाता है वो ही उसका प्रथम प्रभाव (First Impression) होता है| प्रथम प्रभाव हर मार्ग और कार्य में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है| अतः इस का ध्यान रखना आवश्यक है कि प्रसंग एवम व्यक्ति जिससे कि हम मिलने वाले हैं हमारी वेशभूषा प्रसंग के अनुसार होनी चाहिए एवम हमारा व्यक्तित्व प्रभावशाली होना चाहिए| उदहारण-स्वरूप जिन वस्त्रों में हम शादी के प्रसंग में सम्मिलित होते हैं उन्ही वस्त्रों में हम किसी स्मशान यात्रा में सम्मिलित नहीं हो सकते|
सारांश में कहने का तात्पर्य इतना ही है कि प्रस्तुती की कला एक बहुत ही महत्वपूर्ण कला है जिसमे की सभी को निपुण होना आवश्यक है| जो लोग इस कला में माहिर हैं वो इसयुग में हर क्षेत्र में पनप जाते है और जो लोग इस कला को नहीं सीखते या ध्यान नहीं देते वे पिछड़ जाते हैं|  

(शब्द 348)
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