बीता हुआ समय और मुख से निकले शब्द कदापि
वापस नहीं आते | ~ कहावत
स्कूल और कॉलेज में विद्यार्थी अक्सर टीवी, सिनिमा, कम्प्यूटर गेम्स, चैटिंग (गप-शप) और घूमने
फिरने में अधिकतम समय व्यतीत करते रहते हैं| आज कल मोबाइल और मॉल कल्चर भी विद्यार्थियों का बहुमूल्य समय बिगाड़ने में बहुत
बड़ी हद तक जवाबदार है| विद्यार्थी माल्स में
भटकते रहते हैं, जंक फ़ूड खाते हैं और
अनावश्यक खरीददारी करते हैं जिनका की उनकी फैशन परस्ती में समावेश होता है| परिणाम स्वरूप परीक्षा के
समय वे काफी परेशान हो जाते हैं और कुछ ही दिनों में रात भर जग कर, ड्रग्स वगेरा खा कर परीक्षा
की तैयारी में जुट जाते हैं| इस तरह परीक्षा की तैयारी तो हो नहीं पाती ऊपर से वे बीमार हो जाते हैं| या तो वे परीक्षा में बहुत
ही कम अंकों से पास होते हैं अन्यथा फ़ैल हो जाते हैं वे उनका भविष्य बिगाड़ लेते
हैं|
जो विद्यार्थीगण नियमित रूप से क्लास में
उपस्थित रहते हैं और स्कूल या कॉलेज के बाद के अपने समय में नियमित रूप से पढाई का
अभ्यास करते रहते हैं वे तनिक भी समय नष्ट नहीं करते वे परीक्षा में अच्छे अंको से
उतीर्ण (पास) होते हैं और अपना उज्जवल भविष्य बनाने में सफल होते हैं|
उदाहरण स्वरूप, किसान नियमित समय पर
खेत जोतता है, अनाज बोता है और पानी देता है | यदि ये सब काम समय से वो
नहीं करेगा तो फसल नहीं मिलेगी और भयंकर नुक्सान उठाना पड़ेगा और इस नुक्सान की प्रतिपूर्ति
असंभव होती है|
सही माने में एक साल की कीमत तो वो समझ
सकता है जो की एक साल फ़ैल हुवा है| एक महीने की कीमत वो माँ समझ सकती है
जिसने समय से एक महीने पूर्व ही कमजोर बालक को जन्म दिया हो| एक मिनट की कीमत वो समझ
सकता है जो कि गाडी चूक गया हो जब वो नौकरी के इंटरव्यू को जा रहा था| समय का प्रत्येक मिनट ही
नहीं प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है और उसका बहुमूल्य प्रत्येक को समझना चाहिए|
सारांश में, मानव जीवन सिर्फ एक ही बार मिलता है और समय अत्यंत
ही मूल्यवान होता है| बीता हुवा समय पुनः
नहीं मिलता| उसका सदुपयोग करना
सबका कर्तव्य है|
(शब्द – 428)
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