Tuesday, October 25, 2016

निबंध - क्या शिक्षा और पढाई लिखाई का अवमूल्यन होता जा रहा है?

निबंध - क्या शिक्षा और पढाई लिखाई का अवमूल्यन होता जा रहा  है?

कुछ लोगो की मान्यता है कि दिनों दिन जैसे जैसे शिक्षा संस्थानों की एवम विभिन्न डिग्रीयों की संख्या बढ़ती जारही है और अधिक से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, भिन्न भिन्न डिग्रीयां हासिल करते जा रहे हैं और विभन्न क्षेत्रों में कार्य रत होते जा रहें हैं, डिग्रीयों का एवम शिक्षा का अवमूल्यन होता जारहा हैआजकल एक ही काम के लिए एक से अधिक डिग्रीयों कि जरूरत पड़ रही है जैसे कि BE + MBA, MA + LLB,  MSW + MCA  इत्यादि जो कि सही नहीं है| इन विचारों से आप कहाँ तक सहमत हैंआपके विचार विस्तार पूर्वक बताएं|


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मैं पूर्ण रूप से सहमत हूँ कि आजकल नौकरियों के लिए एक से अधिक डिग्रीयों कि जरूरत पड़ती है क्योंकि हर क्षेत्र में विकास  काफी होगया है| परंतु ये कहना कि अधिक लोग एक से अधिक डिग्रियां लेते हैं इस कारण डिग्रियों का एवम शिक्षा का अवमूल्यन हुवा है ये पूर्णरूप से गलत है| उदाहरण स्वरूप हर क्षेत्र में कम्प्यूटर से काम होने लगा है अतः कम्प्यूटर की शिक्षा आवश्यक है| प्रत्येक को कम्प्यूटर का सही उपयोग करना आना चाहिए|
                                                                                                                       
जनसँख्या की अतिशय वृद्धि के कारण हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा इतनी अधिक हो गयी है कि ज्ञान पूर्णरूपेण होना जरूरी है अन्यथा गुजारा असंभव है| ख़ास करके इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में इतना अधिक विकास हो गया है कि व्यक्ति के पास पूरा पूरा ज्ञान एवम डिग्रीयां होना अति आवश्यक है अन्यथा वो समय के साथ नहीं चल सकता|

कुछ समय पहले मेडिकल में सिर्फ X-ray हुवा करते थे जिनमे की कई असुविधाएं थी| बाद में cat scan और MRI आगये जिनसे की हड्डियों के भीतर के भी फोटो लिए जा सकते हैं और मरीज का इलाज किया जा सकता है| आजकल तो शरीर के अंदरूनी अंगों को भी बदल दिया जा सकता है जैसे की आईज, किडनी, लिवर, हार्ट और यहां तक की घुटने भी| इतना सबकुछ करने में सक्षम होने के लिए लोगों के पास उच्च्तम शिक्षा और डिग्रीयों का होना अति आवश्यक है|

आज कल शिक्षा, प्रगति एवम विकास अपने उच्चयतम  स्तर पर पहुँच गया है कि मनुश्य धरती से चाँद पर और मंगल ग्रहों तक भी सफलता पूर्वक पहुँच गए हैं|

सारांश में, इतने सर्वागीण विकास के युग में प्रत्येक को उच्चतम शिक्षा और कई डिग्रीयों की जरूरत है| जितने अधिक से अधिक लोग इस स्तर  पर पहुँचते हैं उससे शिक्षा एवम डिग्रीयों का अवमूल्यन नहीं होता बल्कि देश उतना ही अधिक प्रगति करता है|

शब्द 399



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