Wednesday, June 1, 2016

निबंध बाल मजदूर


निबंध बाल मजदूर

कई देशों में बालकों को मजदूरी भुगतान दे कर काम पर लगा दिया जाता है| ये बिलकुल ही गैरकानूनी और नाजायज है| कई लोग ऐसा मानते हैं कि बालकों को काम पर लगा देने से वे शीघ्र ही काम सीख जाते हैं और जिम्मेदारी निभाने लायक बन जाते हैं| अतः बाल मजदूरी बालकों एवं देश के हित में होती है| आप का क्या अभिप्राय है?

मेरे विचार से बाल मजदूरी अपराध और गैर कानूनी है| बालकों की १८ साल तक के आयु उनके खेल -कूद, पढाई लिखाई और उनके स्वयम के विकास के लिए होती है और ये उनका अधिकार भी है| बाल-मजदूरी बालकों को उनके इन सारे अधिकारों से वंचित करती है जो की सिर्फ गैरकानूनी ओर  अपराध ही नहीं बल्कि अमानवीय भी है और मानवता का पतन है|

१८ साल की आयु हरेक के लिए काम में लगने की पुक्त उम्र है| इस उम्र में व्यक्ति अपना बुरा भला समझने लगता है तथा उसे सावधानी से काम करना आजाता हा| वो खुद की सुरक्षा कर सकता है और काम करके पैसा कमाने लायक बन जाता है| यही कारण है कि मतदान, वाहन चलाने इत्यादि के लइसेंस १८ साल कि उम्र पूरी होने से ही दिए जाते हैंजब कि कम उम्र वाले सुरक्षित एवं खतरनाक का फर्क नहीं जानते अतः कभी भी वे अकस्मात् का शिकार बन सकते है और उनको जान हानि तक भी हो सकती है| और ये सरासर बालकों के प्रति अन्याय है|

सारांश में बाल मजदूरी बालकों का शोषण है एव गैर-कानूनी, अपराध एवं अमानवीय भी है और उसे रोकना हर मानव का फर्ज और  हक़ है |

(शब्द २५८)
ठाकोर जोशी





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