निबंध
बाल मजदूर
कई
देशों में बालकों को मजदूरी भुगतान दे कर काम पर लगा दिया जाता है| ये बिलकुल ही गैरकानूनी और नाजायज है| कई लोग ऐसा मानते हैं कि बालकों को काम पर लगा देने से वे शीघ्र
ही काम सीख जाते हैं और जिम्मेदारी निभाने लायक बन जाते हैं| अतः बाल मजदूरी बालकों एवं देश के हित में होती है| आप
का क्या अभिप्राय है?
मेरे
विचार से बाल मजदूरी अपराध और गैर कानूनी है| बालकों की १८ साल तक के आयु
उनके खेल -कूद, पढाई लिखाई और उनके स्वयम के विकास के लिए होती है और
ये उनका अधिकार भी है| बाल-मजदूरी बालकों को उनके इन सारे अधिकारों से वंचित
करती है जो की सिर्फ गैरकानूनी ओर अपराध ही
नहीं बल्कि अमानवीय भी है और मानवता का पतन है|
१८
साल की आयु हरेक के लिए काम में लगने की पुक्त उम्र है| इस उम्र में व्यक्ति अपना
बुरा भला समझने लगता है तथा उसे सावधानी से काम करना आजाता हा| वो
खुद की सुरक्षा कर सकता है और काम करके पैसा कमाने लायक बन जाता है| यही
कारण है कि मतदान, वाहन चलाने इत्यादि के लइसेंस १८ साल कि उम्र पूरी होने
से ही दिए जाते हैं| जब कि कम उम्र वाले सुरक्षित
एवं खतरनाक का फर्क नहीं जानते अतः कभी भी वे अकस्मात् का शिकार बन सकते है और उनको
जान हानि तक भी हो सकती है| और ये सरासर बालकों के प्रति अन्याय है|
सारांश
में बाल मजदूरी बालकों का शोषण है एव गैर-कानूनी, अपराध
एवं अमानवीय भी है और उसे रोकना हर मानव
का फर्ज और हक़ है |
(शब्द २५८)
ठाकोर
जोशी
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